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बिहार के राजकीय प्रतीक – List of State Emblem of Bihar

List of State Emblem of Bihar

बिहार के राजकीय प्रतीक (List of State Emblem of Bihar)

राजकीय चिह्न : बोधि वृक्ष

बिहार का राजकीय चिन्ह दो स्वास्तिक से घिरा हुआ बोधि वृक्ष है । बोधि वृक्ष का आधार एक ईंट है जिस पर उर्दू में बिहार खुद हुआ है । बोधि वृक्ष का अर्थ होता है ज्ञान का वृक्ष। बोधि वृक्ष बिहार के गया जिले में स्थित महाबोधि मंदिर के परिसर में स्थित एक पीपल का वृक्ष है जिसके नीचे 531 ईसा पूर्व में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।




राजकीय पशु : बैल

बिहार का राजकीय पशु बैल है जिसका वैज्ञानिक नाम – Bos Indicus है। पुराने दिनों में खेती बैल से ही होती थी किन्तु नई तकनीकी यंत्रों के आविष्कार के कारण अब बैल का प्रयोग खेती करने में बहुत कम होने लगा है । इसी कारण से बिहार सरकार द्वारा 2013 में इसको संरक्षित करने हेतु बिहार के राजकीय पशु के रूप में बैल को अपनाया गया है ।

राजकीय पक्षी : गोरैया

बिहार के राजकीय पक्षी का नाम गोरैया है जिसका वैज्ञानिक नाम – Passer Domesticus है। एक समय था जब लोगों की नींद गोरैया पक्षी की चहचहाट से खुलती थी । यह पक्षी पेड़ की डाली से लेकर हर घर के आंगन में उछलते कूदते दिख जाती थी। किन्तु पर्यावरण प्रदूषण और बढ़ती आबादी के कारण धीरे धीरे इनकी संख्या में काफी गिरावट आई है । बिहार सरकार ने इसके संरक्षण के तौर पर 2013 में बिहार के राजकीय पक्षी के रूप में गौरेया को अपनाया है। उससे पहले बिहार का राजकीय पक्षी नीलकंठ था।

राजकीय पुष्प : गेंदा

बिहार के राजकीय फूल का नाम गेंद का फूल है जिसका वैज्ञानिक नाम : Calendula Officinalis है। गेंदा का फूल एक ऐसा फूल है जो बिहार का लगभग हर घर मे पाया जाता है। इसकी लोकप्रियता के कारण ही बिहार सरकार ने 2013 में इसे बिहार के राजकीय पुष्प घोषित किया । उससे पहले राजकीय पुष्प कचनार का फूल था




राजकीय वृक्ष : पीपल

बिहार के राजकीय वृक्ष का नाम पीपल का वृक्ष है जिसका वैज्ञानिक नाम : .Ficus Religiosa है । बिहार में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। पर्यावरण और वैन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीपल राज्य के सांस्कृतिक पक्ष के साथ भी जुड़ा हुआ है। भगवान बुद्ध को भी ज्ञान की प्राप्ति जिस बोधि वृक्ष के नीचे हुई थी वो भी एक पीपल का ही वृक्ष था । इसलिये पीपल का वृक्ष बिहार में ज्ञान एवं परम्परा का घोतक है। इसी कारण पीपल बिहार का राजकीय वृक्ष है।

राजकीय खेल : कबड्डी

बिहार का राजकीय खेल कबड्डी है।कबड्डी टीम में खिलाड़ियों की संख्या 12 होती है लेकिन सिर्फ 7 खिलाड़ी खेलते है। बिहार के अलावा कबड्डी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब,तेलंगाना, आंध्र प्रदेश का भी राजकीय खेल है।

राजकीय मछली : देशी मांगुर

बिहार के राजकीय मछली का नाम देशी मांगुर है जिसका वैज्ञानिक नाम : Clarias Batrachus है।

राजकीय भाषा (प्रथम) : हिन्दी

बिहार भारत का पहला ऐसा राज्य है जिसने हिंदी को सबसे पहले अपनी आधिकारिक भाषा घोषित किया । 1881 तक बिहार की आधिकारिक भाषा उर्दू थी । जिसके स्थान पर बिहार ने हिंदी को अपनाया और उर्दू को बिहार का द्वितीय राजकीय भाषा का दर्जा दिया गया।

द्वितीय राजकीय भाषा : उर्दू

बिहार के द्वितीय राजकीय भाषा का दर्जा उर्दू को 1984 में दिया गया ।

राज्य गीत : मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन विहार

बिहार का राज्य गीत मेरे भारत के कंठहार, तुझको शत्‌-शत्‌ वंदन विहार है। यह गीत सत्य नारायण द्वारा लिखा गया है और संगीत हरि प्रसाद चौरसिया और शिवकुमार शर्मा द्वारा दिया गया है। गीत को आधिकारिक तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था

राज्य प्रार्थना : मेरे रफ्तार पर सूरज की किरंणें करे नाज करे

बिहार का राज्य प्रार्थना गीत मेरे रफ्तार पर सूरज की किरंणें करे नाज करे है । इस प्रार्थना गीत को मुजफ्फरपुर के MR Chisti ने लिखा है ।

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