GI TAG की पूरी जानकारी?

GI Tag की पूरी जानकारी

भारत पूरी दुनिया में अपने अलग खान पान और रहन सहन के लिए जाना जाता है, यही कारण ही की लोग हमारे देश से काफी आकर्षित होते है। हमारे देश में उच्च गुणवत्ता वाली चीजों का उत्पादन किया जाता है, यहां हर राज्य की अपनी पहचान, खान पान और संस्कृति है। आपने न्यूज में कभी न कभी जरूर सुना होगा की किसी राज्य के उत्पाद को GI Tag दिया गया। लेकिन क्या आपने कभी विचार किया या सोचा की यह GI Tag क्या होता है? और इसे कैसे और क्यों दिया जाता है?

आज के इस ब्लॉग में आपको Gi tag से सम्बन्धित सभी चीजे क्लियर करेंगे, और GI Tag की पूरी जानकारी देंगे। जानेंगे की यह क्या होता है? और यह क्यों दिया जाता है? इससे जुड़ी जानकारी जानने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़े।

GI Tag क्या होता है?

जैसा ही हमने बताया की आपने कभी न कभी सुना होगा की किसी राज्य में किसी विशेष उत्पाद को GI Tag दिया गया। GI TAG का मतलब है Geographical Indication Tag, इसका हिंदी में मतलब है भौगोलिक संकेत। GI TAG किसी क्षेत्र के विशेष उत्पाद को दिया जाता है, इससे मतलब है की वह स्थान दुनिया भर में विदेश है। जब किसी जगह या क्षेत्र या विदेश उत्पाद को दिया जाता है। जैसे किसी क्षेत्र की कोई चीज बहुत मशहूर है, तो उस चीज को दुनिया भर में खासियत के लिए एक पहचान की जरूरत होती है, यह पहचान उन्हे सर्द GI TAG से मिलती है।

GI TAG किसके द्वारा दिया जाता है?

GI TAG की शुरुवात 2003 में की गई, यह किसी भी वस्तु को विदेश पहचान दिलाता है। हमारे देश में यह ऐसे उत्पादों को दिया जाता है, जिसकी पूरे भारत या दुनिया में खासियत होती है। जैसे की पंजाब और हरियाणा राज्य अपने चावल के खेती के लिए दुनिया भर में मशहूर है इसलिए इन दोनो राज्यो को चावल के उत्पादन के कारण GI TAG दिया गया है।

किसी जगह पर विशेष उत्पाद की पहचान के लिए GI TAG वाणिज्य मंत्रालय विभाग के इंडस्ट्री प्रमोशन और इंटरनेशनल ट्रेंड द्वारा दिया जाता है। GI TAG किसी वस्तु, राज्य, आदि किसी को भी दिया जा सकता है। 2003 से लेकर अब तक GI TAG कई वस्तु, राज्यो और क्षेत्रों को मिला हुआ है। सबसे पहला GI TAG 2004 में पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग टी यानी चाय पत्ती को दिया गया।

GI TAG के फायदे क्या है?

GI TAG के वजह से ही किसी उत्पाद को कानूनी संरक्षण मिलता है, यानी उस चीज का नाम हो जाता है की उसके जैसा कोई दूसरा उत्पाद नही बनाया जा सकता। इससे किसी वस्तु या क्षेत्र को उसकी अच्छी गुणवत्ता और खासियत की पहचान मिलती है।

किसको GI TAG दिया जाता है?

निम्न उत्पादों को GI TAG दिया जाता है:

  • कृषि या खेती से जुड़े उत्पाद – जैसे की चावल, गेहूं, गुड, पत्ती आदि
  • कोई भी प्राकृतिक उत्पाद
  • कपड़ा
  • कोइ हाथ से बनी खास वस्तु/ हैंडीक्राफ्ट – जैसे की साड़ी, चद्दर, या कोई सजावट का सामान
  • खाद्य सामग्री – नमकीन, पेठा, मिठाईयां, या कोई अन्य खाने का सामना

अभी तक GI TAG किस किस को मिल चुका है?

सालउत्पादक्षेत्र


साल 2004 से 2005
डार्जलिंग चाय पत्तीपश्चिम बंगाल 
अरनमुला, हस्तशिल्पकेरला
पोचमपल्ली इकत, हस्तशिल्प तेलंगाना















साल 2005 से 2006
सलेम फैब्रिक -हस्तशिल्पतमिलनाडु
चंदेरी साड़ी -हस्तशिल्प मध्य प्रदेश 
सोलापुर चादर -हस्तशिल्पमहाराष्ट्र
सोलापुर टेरी तौलियामहाराष्ट्र 
कोटपाड हथकरघा कपड़ा ओडिसा
मैसूर सिल्क हैंडीक्राफ्टकर्नाटक
कोटा डोरिया हस्तशिल्पराजस्थान
मैसूर अगरबत्ती निर्मितकर्नाटक
कांचीपुरम सिल्क -हस्तशिल्पतमिलनाडु
भवानी जमक्कलम -हस्तशिल्पतमिलनाडु
कुल्लू शॉल -हस्तशिल्पहिमाचल प्रदेश 
मैसूर चंदन का तेल -निर्मितकर्नाटक
कसुती कढ़ाईकर्नाटक
कुर्ग संतरा कृषिकर्नाटक











2019 से 2020 तक
कंधमाल हलदी कृषि ओडिसा
रसगुल्ला खाद्य सामग्रीओडिसा
पांडम हस्तशिल्प मिजोरम 
पलानी पंचमीर्थम खाद्य सामग्रीतमिलनाडु
आयरिश व्हिस्की निर्मित आयरलैंड
खोला मिर्च कृषिगोवा 
काजी नेमू कृषिअसम
गोरखपुर टेराकोटा हस्तशिल्पउत्तरप्रदेश
श्रीविल्लिपुत्तूर पालकोवा खाद्य सामग्रीतमिलनाडु
डिंडीगुल ताले निर्मित तमिलनाडु
कोविलपट्टी कदलाई मित्तई खाद्य सामग्रीतमिलनाडु








2020 से 2021
कश्मीर केसर कृषिजम्मू एंड कश्मीर 
लकड़ी की नक्काशी हस्तशिल्पतमिलनाडु
तेलिया रुमाल हस्तशिल्पतेलांगना
सोहराई – खोवर चित्रकारीझारखंड
तंजावुर नेट्टी वर्क्स हैंडीक्राफ्टतमिलनाडु
















2021 से 2022
चुनार ग्लेज़ पॉटरीउत्तर प्रदेश
सोजत मेहंदीराजस्थान
कल्लाकुरिची लकड़ी पर नक्काशीतमिलनाडु
जुडिमा-निर्मितअसम
गोर्गोन्जोला -खाद्य सामग्रीइटली
बालाघाट चिन्नौर-कृषिमध्य प्रदेश 
कुट्टियाट्टूर आम केरल 
पिथौरा – हस्तशिल्पगुजरात
बनारस जरदोजीउत्तरप्रदेश 
उत्तराखंड ऐपन – हस्तशिल्प उत्तराखंड
मिर्जापुर पितल बार्टनउत्तर प्रदेश 
कुमाऊं च्युरा तेलउत्तराखंड
रतौल आमउत्तर प्रदेश 
तामेंगलोंग संतरामणिपुर
मऊ साड़ी – हस्तशिल्पउत्तर प्रदेश 
कन्याकुमारी लौंग – कृषितमिलनाडु
नागा ककड़ी – कृषिनागालैंड 
टोस्कानो-निर्मितइटली
दल्ले खुरसानीसिक्किम, पश्चिम बंगाल 
Chianti – निर्मितइटली
नरसिंहपेट्टई नागस्वरम तमिलनाडु

GI TAG कैसे मिलता है?

इसके लिए सबसे पहले आपको आवेदन प्रक्रिया को करना पड़ता है, इसके लिए वह कंपनी आवेदन कर सकती है जो उत्पाद का निर्माण करती है। GI TAG के लिए आवेदन को सरकारी स्तर पर भी किया जाता है, GI TAG देने से पहले उत्पाद की विशेषता और गुणवत्ता को अच्छे से देखा जाता है। 

Final words

GI TAG क्या है? और GI TAG क्यों दिया जाता है आज इस मुद्दो पर हमने इस ब्लॉग में बात की। उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छे से समझ आई होगी और यह आपको अच्छी लगी होगी। इसे जायदा से जायदा शेयर करे ताकि इसे जुड़ी जानकारी सभी लोगो को मिले।

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Updated: May 4, 2023 — 4:48 pm

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